मुंबई, 01 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। केरल हाईकोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एक कर्ज वसूली मामले में सुनवाई करते हुए बैंक को अंतरिम आदेश दिया है कि जिस घर को सीज किया गया है, उसकी तलाशी ली जाए और अगर वहां से बिल्ली मिलती है तो उसे मालिक को लौटा दिया जाए। अदालत ने यह आदेश उस याचिका पर दिया जिसमें कर्जदार ने घर सीज होने के बाद अपने बच्चों के पढ़ाई के सामान और पालतू बिल्ली के घर में फंसे होने की बात कही थी। अब इस मामले की अगली सुनवाई 6 अक्टूबर को होगी।
मामला चेरथला निवासी मुहम्मद निशाद और उसकी पत्नी से जुड़ा है। उन्होंने बैंक से लोन लिया था और बदले में अपना घर गिरवी रखा था। लोन की किस्तें न चुका पाने पर बैंक ने SARFAESI एक्ट के तहत घर सीज कर लिया। निशाद ने बैंक से समय मांगा, लेकिन राहत नहीं मिली और उसका सारा सामान और पालतू बिल्ली घर के अंदर ही बंद हो गए।
निशाद ने सबसे पहले लोन रिकवरी ट्रिब्यूनल एर्नाकुलम का दरवाजा खटखटाया, लेकिन वहां से कोई मदद नहीं मिली। फिर उसने मजिस्ट्रेट कोर्ट में याचिका दी, जहां एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया गया। कोर्ट ने निशाद को निर्देश दिया कि वह बैंक को 7.5 लाख रुपये अदा करे, लेकिन रकम चुका न पाने के बाद उसने हाईकोर्ट का रुख किया। हाईकोर्ट को निशाद ने बताया कि उसके बच्चे नाबालिग हैं और स्कूल में पढ़ते हैं। उनके पढ़ाई का सामान और उसकी बिल्ली घर में फंसी हुई है। इस पर अदालत ने अंतरिम राहत देते हुए बैंक को कहा कि घर की तलाशी ली जाए और बिल्ली बरामद होती है तो उसे उसके मालिक को लौटा दिया जाए।